वाक़िफ़ तो हुए, तेरे दिल की बात से
छुपाया जिसे, तूने क़ायनात से
वाक़िफ़ तो हुए, तेरे उस ख्याल से
छुपाया जिसे तूने अपने आप से
कहीं ना कहीं तेरी आँखें
तेरे बातें, पढ़ रहे हैं हम
कहीं ना कहीं तेरे दिल में
धड़कनो में ढल रहे हैं हम
तू हर लम्हा.. था मुझसे जुड़ा..
चाहे दूर था मैं.. या पास रहा..